beautiful lines....

आज मैने सूर्य से बस जरा-सा यों कहा-
आपके साम्राज्य मे इतना अँधेरा क्यों रहा?
तमतमाकर वह दहाडा--मै अकेला क्या करूँ?
तुम निकम्मों के लिये मै ही भला कब तक मरूँ?
आकाश की आराधना के चक्करों मे मत पडो
संग्राम यह घनघोर है, कुछ मै लड़ूँ, कुछ तुम लड़ो !!

1 comment:

anand said...

probably these lines are from vedas basically from rigveda when arayan used to worship nature.we also found some conflict between natural powers..as these lines reflecting that situation...

Anand
ipm